ये चूहा दौड़ (Rat Race) क्या है?
चूहा दौड़ का मतलब है आप अपने जीवन मैं तिर्व प्रतियोगिता कर रहे हो जो की निरंतर और अंतहीन आशा चक्र है, जो की एक ख़त्म होते ही दूसरे आशा की ओर भढ़ता है। आप कल्पना करो कि आप एक सफ़र पे निकले है और उसकी कोई मंज़िल ही नहीं। या आप किसी रेगिस्थान मैं खोये हो, और आपको मृगतृष्ण (Mirages) दिखे जा रहे है। इसी तरह से हमारे आशा और इच्छा हमें और थोड़ा, और अच्छा या और बड़ा के पीछे चूहे की तरह दौड़ते रहती है।
हम इस चूहे दौड़ मैं जाने या अनजाने मैं कैसे फस गये?
आजकल जो हमारी जीवन की प्रथा है, जिस्में आप हमेशा हर स्थर पर प्रतियोगिता मैं होते हो। प्रतियोगिता अच्छी विद्यालय मैं धकीला लेने का, अच्छे अंकोसे उत्तीर्ण होने का, किसी बड़ी company मैं काम करने का, अच्छी वेतन का, अच्छे सुविधाये पाने का और इसी तरह से “थोड़ा और-थोड़ा और” के पीछे भागते रहते है। हम इस विषय को समझने की गलती कर बैठते है कि हमारे जीवन का असली मक़सद या उद्देश क्या है और हमें क्या इसी तरह से एकि आशा ख़त्म होते ही दूसरी आशा की और भागते रहना चाहिए। या अपनी आवश्यक के अनुसार काम करना चाहिए। या जैसे बुनादी चीज़ें जैसे अच्छा खाना, अच्छे सुविधाएँ घर जिस्म सब सदस्य एक साथ अच्छे से रह सके, अच्छे कपड़े और अच्छी शिक्षा आदि के लिए और अपनी मन की शांति के लिए काम करना चाहिए। इसके बजाए हम उत्कृष्ट स्तर का सुविधाएँ पाना चाहते है। और बहुत से कार्य और वस्तुवें हम सिर्फ़ लोगों को दिखाने के लिए की अपना जीवन स्तर कितना ऊँचा है यह दिखाने के लिए करते है। और इसी तरह से अंतहीन और निरंतर आशावों के पीछे भागते हुवे आपके जीवन के दिन ख़त्म हो जाते है पर आपको वो जीवन से संतुष्टि नहीं मिल पाती।
तो हम इस चूहे दौड़ से बचें कैसे?
इसके लिए हमें यह समझना पड़ेगा कि हमारी अव्यशकता क्या और कितनी है, और इसके लिए आपको दूरंदेशी होना चाहिए। आपको समझना पड़ेगा कि आपको आपकी जीवन से क्या चाहिए और कितने स्तर पर चाहिये। अगर आप कुछ भी चाह ते है तो आपको उस तरह का काम कौशलपूर्ण से सिखाना और करना पड़ेगा। आपके अपने इच्छाओं का सीमा तय करना पड़ेगा और वो वहीं तक ही सीमित होनी चाहिए ना की एक इच्छा ख़त्म हुई और दूसरा पैदा हो गया। जैसे एक अच्छी company मैं अच्छी वर्ग मैं काम करना और उसे बनाए रखना या एपीआई ख़ुद की या अपने माता-पिता से मिले उद्यम की बढ़ोतरी या किसी एक विषय मैं अच्छा करना जो आपको भविष्य मैं उपयोग हो ना की सभी मैं इत्यादि।
आपको यहाँ पर ध्यान दे ने की आवश्यक है! मैं यहाँ आपको आशावादी बनने के लिए मना नहीं कर रहा बल्कि अपने अशावोंकों सीमित और सही दिशा मैं रखने के लिए कह रहा हूँ। तो आप अपने भविष्य मैं क्या होना और क्या पाना चाहते है उसके तौर पर आप अपनी जीवन को ढालते जाइए। जैसे उदाहरण की तौर पर; एक विद्यार्थी अपने सारे विषयों मैं उससे सिर्फ़ उत्तम होना है पर जो विषय उस विद्यारती को पसंद है और उसे अपने जीवन मैं आगे चलकर उपयोग आयेगा उसे वो गरिष्ठ अंकों से उत्तीर्ण करें। इसी तरह एक कर्मचारी अपने वेतन या पद को ऊँचा करना है तो एक सही पद चुने और वहाँ पे बने रहने के लिए काम करें। या यदि आप एक उद्यम कंपनी खड़ा करना चाहते हो तो उसे इस तरह से बनाये की वो एक समय के बाद अपने आप चलना चालू कर दे। हर बार उसमे आपकी की हस्तक्षेप ना हो।
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इस तरह से अगर आप अपने इच्छा पे नियंत्रण और सीमा तय करोगे तो आप सिर्फ़ चूहे दौड़ से स्वतंत्र होंगे बल्कि आपकी जो मन की शांति है वो भी कभी भंग नहीं होगी। अगर आप इस चूहे दौड़ से बाहर निकल जाते हो तो आपके जीवन मैं आप हमेश संतुष्ट रहेंगे और आपको अपने जीवन मैं किसी भी तरह का नकारात्मकता से नहीं रहने पड़ेग।
तो मिलते है फिर से एक नयी जानकारी के साथ जो आपको अपने जीवन मैं मदद हो और आप अपना जीवन बेहतर से बेहतर तरीक़े से जियें।
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