अच्छा वक्त या सौभ्ग्य की खोज (Good Luck) क्या है?
अच्छा वक्त वो है, जहां आप सही फ़ैसला सही वक्त पे करते है। उसको हम Good Luck या अच्छा वक्त कह सकते है। आप सोचिए कि आज आप जिस भी मुक़ाम पे है वो आपके भूतकाल मैं किये गये फ़ैसलों की वजह से ही है। आप बहुत बार ये सोचते होंगे कि आप शायद अपने पुराने वक्त मैं, मैं ऐसा या वैसा कुछ कर लेता तो मेरा जीवन कुछ और ही मक़ाम मैं हो सकता था। उदाहरण की तौर पर एक Car Driver agar सही वक्त मैं car चलते हुए accident होने से पहले सही वक्त मैं अगर Break लगा लेता है तो Car Accident टाल दी जाती है। इसी तरह से अपने जीवन की Car मैं हम सही फ़ैसलें का Break नहीं लगाते तो Car Accident हो जाएगा। आइए तो हम ये देखें कि अपने फ़ैसलों से अपने अच्छा बक्त कैसे लाएँ। मेरा यहाँ फ़ैसलों का मतलप है सही सोचने, बोलने और करने का फ़ैसला।
सही सोचना:
बहुत ही आसान सी बात है अगर आप अच्छा या सही सोचेंगे तो आप अच्छे फ़ैसलें लेंगे और अगर आप बुरा सोचेंगे तो आप भूरा फ़ैसला लेंगे। तो सही सूचने का मतलप क्या है? और उसने हम कैसे करें? अपने दिमाग़ को शांत रखते हुवे बिना नकारात्मक भावनावों से किया गया फ़ैसला सही सोच वाला फ़ैसला होता है। जो की आगे चलकर हमें अच्छे वक्त की तौर पर वापीस मिलता है। अगर आप नकारात्मक भावनावों के साथ जैसे ग़ुस्सा, तनाव, डर, ईर्षा, चिंता, काफ़ी अपेक्षा रकते हुवे या बहुत ज्यादा सोच कर लेते है तो वो नकारात्मक से भरा एक ग़लत फ़ैसला ही होगा। तो जब भी आप कोई भी काम करने की सोच रहे होंगे तो इन बातों का ज़रूर ध्यान मैं रखें। उदाहरण की तौर पर अगर आप ने बहुत ज्यादा खालिए तो आपकी तबियत बिगड़ सकती है। यदि अपने ज़्यादा के बदले सीमित मात्रा मैं खाना खाया होता तो आपको अपनी तबियत मैं कोई परेशानी नहीं हुई होती। तो हमेश सकारात्मक सोचनें से आपका अच्छा वक्त या Good Luck ज़रूर आएगा।
सही बोलना:
आप सही सोच रहे हो पर गालत बोल रहे हो तो इसका कोई फ़ायदा नहीं। सही बोलने का मतलप क्या है? और उसे कैसे सीखें ? सही बोलने का मतलब ये है कि जब भी कोई आपकी बात सुने तो वो सकारात्मक भावनाओं से भर जाए। जैसे धीरे और शांत भाव से बोलना और कम पर सही उद्देश के साथ बोलना है। जिससे सुनने वाले व्याकी की भावनावों मैं आपकी सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे। अगर आप ग़ुस्से, और मन को दुखानेवाली बात करेंगे, अहंकार से बात करना, दोषी ठेराके या चितायूक्त भाव से बोलते है तो सुनने वाले व्यक्ति के भाव मैं भी आपके प्रति नकारात्मक सोच पैदा होती है। इससे आप जो कहना चाहते है वो सही ढंग से नहीं कह पाते। इसीलिए आपको हमेशा सही और शांत भाव से बात करनी पड़ेगी ताकि आपकी और आपके आस-पास रहने वाले लोगों की सोच और मनोभावना सकारात्मक बनी रहे। इससे आप के आस-पास रहने वाले और आपसे बात-चित करनेवाले व्यक्ति आपसे खुश रहेंगे और आपके प्रति उनकी धारणा भी अच्छी होंगी। इससे आपकी जीवन मैं आप हमेशा ख़ुश रहेंगे। तो यहाँ तक आप अभी सही सोचने और बोलने का मतलब और उसके फ़ायदे समझ गये होंगे।
सही करना:
जो काम करने से आपको या किसी अन्य व्यक्ति को दुख पहुँच रहा है तो वो काम सही नहीं है। जैसे बिना मन या मजबूरी मैं काम करना। इससे ना आपको ख़ुशी मिलेगी ना आपके किए गए काम सही तरीक़े से होगा और ना ही आपको इससे संतुष्टि मिलेगी। तो सही करने का मतलब क्या है? जैसे सेहतमंद भोजन करना, व्यायाम या योगा करना, अपने चेहरे पर एक छोटी सी मुस्कान रखना, पैसे को सही ढंग से उपयोग करना इत्यादि। इन सारें चीज़ों से आप मैं एक सकारात्मक ऊर्जा बनी रहेगी और आप जो हासिल करना चाहते है वो बिना अपने आप को तकलीफ़ दिये, पा लेंगे।
यही जब आप अच्छा सोच रहे हो, अच्छा बोल रहे हो या अच्छा कुछ कर रहे हो उस्सी वक्त को हम अच्छा वक्त या Good Luck भी कह सकते है। जब आप अच्छा सोच रहे होते हो तो आप ये निश्चित कर है होते हो कि आपका आनेवाले दिनों मैं बेहतर अवसर लेके आये। जब आप किसी से अच्छा बोल रहे होते हो तो आप ये तय कर रहे होते है की वे आपसे अच्छा बर्ताव करें और उनके साथ आप भी जीवन मैं बेहतर अवसर के लिए आगे बड़े। और अच्छा कर रहे हो तो आपको अच्छा समय तो आना ही है।
Best of Luck…!
तो मिलते है फिर से एक नयी जानकारी के साथ जो आपको अपने जीवन मैं मदद हो और आप अपना जीवन बेहतर से बेहतर तरीक़े से जियें।
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