तैरना एक ऐसा काम है जिसको हम अपने माँ के पेट से सीखके आते है और इतना ही नहीं, इससे हम जब तक ज़िंदा है तब तक भी हम तैर सकते है। चाहे वो व्यक्ति 100 साल का क्यों ना हो। यह इस व्यायाम मैं हम पानी के घनत्व को हटाते हुवे इसके अंदर और ऊपर तैरते है। इससे हमारी शरीर की हर एक हड्डी, मांसपेशियाँ, नरमंडल और हमारी सोच के ऊपर भी प्रभाव करता है। जब हम तैरते तो हम हमारे वक्त को धीमा कर देते है। इस प्रतियोगिता और जल्दबाज़ी से भरे जीवन में जहां हमें कुछ समय के लिए शांत, ऐकाग्रत और अबाधित पलों में जीने का अवसर मिलता है। इस व्यायाम मैं हमारे शरीर, मन और मस्तिष्क तीनों मैं अच्छा ताल-मेल रहता है। इस व्यायाम को करने से हमें बहुत तरीक़ों से फ़ायदा होता है। यह सिर्फ़ हमारे देह को नहीं बल्कि हमारे मन और मस्तिष्क को भी फ़ायदा देता है, जैसे अपना शरीर का वजन और आकार सही रहता है। और हमारे मन और मस्तिष्क के सोचने के तरीक़े पर भी प्रभाव करता है। हम सकारात्मक सोचको बढ़ाता है और हमारे जीवन शैली मैं सुधार लाता है। तो चलिए इसके बारे मैं ठीक तरीक़े से समझते है।
तैरने के फ़ायदे (Benefits of Swimming):
हड्डियों और मांसपेशियों को ताक़त मिलती है।
तैरने मैं अपने पूरे शरीर के मांस-पेशियाँ और हड्डियों की से ताक़त लगती है, पानी के ऊपर या अंदर तरने के लिए। पानी का धनत्व हवा से लघ-भग 800 से ज्यादा होने के कारण उसमें हमें तैरने मैं ज्यादा मेहनत और ताक़त की ज़रूरत पड़ती है। तैरते समय हमारे शरीर की हर एक मांसपेशियों मैं प्रभाव पड़ता है और हमारे पूरे शरीर की ताक़त भी बढ़ती है।
शरीर के वजन को सही रखने मैं मदद करता है।
आजकल के जीवनशैली मैं जहां हम कुछ भी काम करने के लिए बहुत सारी आधुनिक उपकरणों पर निर्भर है और खाना तो बिलकुल पौष्टिक नहीं होता है और उसको खाने से हमारे शरीर का वजन भी बढ़ जाता है। तो तैरना एक ऐसा व्यायाम है जो हमारे इस बिगड़े शरीर कि वजन और आकार को सही रखने मैं बहुत मदद करता है।
शरीर के लचीलेपन को बढ़ाता है।
तैरते समय हम अपने शरीर को पूरी तरह से संचलन करते है इससे हमारी शरीर की मांस-पेशियाँ और हड्डियों के जोड़ों मैं लचीलेपन आ जाता है।
रक्त प्रवाह को बेहतर करता है।
हम हफ़्ते मैं 3 – 5 से पाँच दिन, एक गाँठे के लिए भी तैर लेते है तो हमारी रक्त वाहिकावों मैं ज़मा चर्बी पिघल जाता है और इससे हमारी शरीर मैं रक्त का प्रवाह अच्छी तरह से होता है।
शरीर की सहनशक्ति बढ़ती है।
हम पानी मैं जब तैरते है तो, हम अपने आपको थोड़ा-थोड़ा करके और आगे तैरने मैं प्रोत्साहित करते रहते है इससे हमारी शरीर की सहनशक्ति मैं वृद्धि होती है।
हृदय और श्वास-दमनी की काम करने की गति मैं सुधार आता है।
जैसे अपने शरीर मैं तैरने से रक्त वाहिकावों मैं प्रवाह बढ़ता है उसी तरह से श्वास दमनियों मैं भी वायु का प्रवाह बढ़ता है। इससे हमारे श्वास दमनियाँ और ह्रदय को ज्यादा ताक़त नहीं लगाना पड़ता श्वास और रत्क को अपनी ओर खींचने के लिए और श्वास दमनियाँ और ह्रदय ज्यादा अच्छी तरह से काम कर पाते है।
![Swimming](https://samachaar24.com/wp-content/uploads/2023/11/1-20-300x169.png)
तैरने से हमारी मनस्तिथि भी सकारात्मक रहती है।
तैरने से शरीर जैसे लाभ मिलता है वैसे ही अपने मन-मस्तिष्क को भी लाभ होता है। जैसे हम सिर्फ़ तैरने मैं ध्यान लगाते है और अपने शरीर को एक ही तरह से चलते रहते है तो हमारी एकाग्रता बढ़ती है।
इसे सभी उम्र के व्यक्ति भी कर सकते है।
तैरना एक ऐसा व्यायाम है जिसमें हमारे शरीर को किसी भी तरह से नुक़सान नहीं होता। जैसे चलने या दौड़ लगाने से हमारे पैरों पर एक प्रभाव पड़ता है वैसे तरने से कोई भी प्रभाव हमारे शरीर पर नहीं पढ़ता और इसीलिए इस व्यायाम को किसी भी उम्र के व्यक्ति कर सकते है।तैरने के भी कुछ सावधानियाँ है जिस पे हमें ध्यान देना चाहिए। जैसे अच्छी तरह से तैरना सीखना, अच्छे और साफ़ पानी मैं तैरना, तैरने से पहले थोड़ा Warm-Up करना, फिसलें से बचना और इत्यादि।
आजकल के जीवन-शैली मैं कोई भी व्यायाम करते रहना बहुत ही अनिवार्य है। चाहे वो तैरना हो या कोई और व्यायाम, क्योंकि तनाव और चिंता से भरी इस जीवन मैं हमारे स्वस्त के लिये हमें कुछ ना कुछ व्यायाम करना ही चाहिए। और तैरना एक बहुत अच्छा विकल्प है। जिससे हमारे पूरे शरीर को लाभ होता है।
तो मिलते है फिर से एक नयी जानकारी के साथ जो आपको अपने जीवन मैं मदद हो और आप अपना जीवन बेहतर से बेहतर तरीक़े से जियें।
अगर आपने मेरे YouTube channel को subscribe नहीं किया तो कृपया कर के subscribe करेलें जिससे आपको नई और उपयोगी जानकारी मिलती रहे। आप हमारे website samachaar24.com पर भी जाकर कई और जानकारी जैसे आध्यात्मिक, मनोरंजन, दैनिक भविष्य भी जान सकते है।